'स्टेल्थ' लड़ाकू विमान बनाने की भारत की योजना क्या है और इसकी ज़रूरत क्यों थी?

स्टेल्थ लड़ाकू विमान

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इमेज कैप्शन, जून, 2021 में अमेरिकी वायु सेना ने घोषणा की थी कि 'छठी पीढ़ी' के लड़ाकू विमानों में 'नेक्स्ट जेनेरेशन एयर डोमिनेंस' (एनजीएडी) सिस्टम का इस्तेमाल अगले 10 सालों में शुरू हो जाएगा. (सांकेतिक तस्वीर)
  • Author, शकील अख़्तर
  • पदनाम, बीबीसी संवाददाता

भारत के रक्षा मंत्रालय ने नवीनतम 'पांचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ' लड़ाकू विमानों के घरेलू उत्पादन को मंज़ूरी दे दी है और रक्षा कंपनियों से इन लड़ाकू विमानों के प्रोटोटाइप बनाने के लिए 'एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट' (बोलियां) प्रस्तुत करने को कहा है.

हवाई युद्ध के लिए अत्यधिक प्रभावी स्टेल्थ लड़ाकू विमानों को फ़िलहाल केवल अमेरिका, रूस और चीन ही विकसित कर रहे हैं.

भारतीय रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह भारतीय वायु सेना की लड़ाकू क्षमता बढ़ाने की एक बड़ी परियोजना है और इस परियोजना में निजी कंपनियों को भी शामिल किया जा रहा है.

भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 'एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट' (एएमसीए) के मॉडल को मंज़ूरी दे दी है और इसकी ज़िम्मेदारी भारत सरकार की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) को दी गई है.

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